मुंबई : पाकिस्तान द्वारा पूर्व भारतीय अफसर कुलभूषण जाधव को ईरान से छल कपट करके पकड़ने के बाद उन्हें रॉ का एजेंट बता दिया ,पाकिस्तान ने पूर्व भारतीय अफसर कुलभूषण जाधव को आतंकवादी बताते हुए उन्हें फाँसी की सजा सुना दी है जिस कारण पाकिस्तान के प्रति भारतीयों में काफी गुस्सा देखा जा रहा , भारत सरकार ने भी साफ़ कर दिया है कि कुलभूषण को दी जाने वाली फाँसी को वो एक सुनियोजित हत्या के रूप में देखेगा और इसी विरोध में भारत ने पाकिस्तान के 11 कैदियों की रिहाई पर रोक लगा दी है।
बॉलीवुड गायक अभिजीत भट्टाचार्य ने पूर्व भारतीय अफसर कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में दी जाने वाली फाँसी पर काफी गुस्सा जताया है ,उन्होंने फाँसी के विरोध में भारत में घूम रहे पाकिस्तानी लोगों को देखते ही पेड़ पर लटकाने की सलाह देते हुए कहा "भारत में पाकिस्तानी दिखे तो उनको पेड़ से लटका दो।"
अभिजीत ने इसी ट्वीट में आगे लिखा "आपको ज्यादार पाकिस्तानी बॉलीवुड में या करण जौहर के घर में या भट्ट के घर में मिलेंगे।"
क्या है मामला?
पाक आर्मी ने वहां की जेल में बंद भारतीय अफसर कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाई है। पाक ने आरोप लगाया था कि जाधव भारतीय जासूस है।
ISPR के अफसर मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्विटर पर बताया कि पाकिस्तान आर्मी एक्ट के तहत जाधव का फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल (FGCM) किया गया और फांसी की सजा सुनाई गई।
दूसरी ओर, भारत ने पाकिस्तान के हाईकमिश्नर अब्दुल बासित को तलब किया। उन्हें डिमार्शे (डिप्लोमैटिक डिमांड लेटर) सौंपा। इसमें कहा गया- अगर सजा पर अमल होता है तो ये कानून के बुनियादी बुनियादी नियमों के खिलाफ होगा। इसे सोचा समझा कत्ल कहा जाएगा।
डिमार्शे में आगे कहा गया- ये ध्यान रखा जाना चाहिए कि पाकिस्तान में इंडियन हाईकमीशन को ये बताने की जरूरत भी नहीं समझी गई कि कुलभूषण पर केस चल रहा है। भारत के लोग और सरकार इसे सोचा-समझा कत्ल ही मानेंगे।
इस बीच, भारत सरकार ने पाकिस्तान के बुधवार को रिहा किए जाने वाले 11 कैदियों की रिहाई टाल दी है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने पाकिस्तान के इस फैसले पर तल्ख टिप्पणी की। कहा- पाकिस्तान के मिलिट्री कोर्ट्स में आरोपी के खिलाफ क्या आरोप लगाए जाते हैं या सबूत पेश किए जाते हैं, इनको कभी पब्लिक नहीं किया जाता।
पाकिस्तानी सेना के कानून के तहत आए इस फैसले पर 90 दिनों के भीतर अमल होना तय है। पाक आर्मी चीफ बाजवा इसे मंजूरी दे चुके हैं। ऐसे में इसके खिलाफ अपील की कोई गुंजाइश नहीं रहती। ऐसे में जाधव को फांसी की सजा से बचाना मुश्किल होगा।
क्या है मामला?
पाक आर्मी ने वहां की जेल में बंद भारतीय अफसर कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाई है। पाक ने आरोप लगाया था कि जाधव भारतीय जासूस है।
ISPR के अफसर मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्विटर पर बताया कि पाकिस्तान आर्मी एक्ट के तहत जाधव का फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल (FGCM) किया गया और फांसी की सजा सुनाई गई।
दूसरी ओर, भारत ने पाकिस्तान के हाईकमिश्नर अब्दुल बासित को तलब किया। उन्हें डिमार्शे (डिप्लोमैटिक डिमांड लेटर) सौंपा। इसमें कहा गया- अगर सजा पर अमल होता है तो ये कानून के बुनियादी बुनियादी नियमों के खिलाफ होगा। इसे सोचा समझा कत्ल कहा जाएगा।
डिमार्शे में आगे कहा गया- ये ध्यान रखा जाना चाहिए कि पाकिस्तान में इंडियन हाईकमीशन को ये बताने की जरूरत भी नहीं समझी गई कि कुलभूषण पर केस चल रहा है। भारत के लोग और सरकार इसे सोचा-समझा कत्ल ही मानेंगे।
इस बीच, भारत सरकार ने पाकिस्तान के बुधवार को रिहा किए जाने वाले 11 कैदियों की रिहाई टाल दी है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने पाकिस्तान के इस फैसले पर तल्ख टिप्पणी की। कहा- पाकिस्तान के मिलिट्री कोर्ट्स में आरोपी के खिलाफ क्या आरोप लगाए जाते हैं या सबूत पेश किए जाते हैं, इनको कभी पब्लिक नहीं किया जाता।
पाकिस्तानी सेना के कानून के तहत आए इस फैसले पर 90 दिनों के भीतर अमल होना तय है। पाक आर्मी चीफ बाजवा इसे मंजूरी दे चुके हैं। ऐसे में इसके खिलाफ अपील की कोई गुंजाइश नहीं रहती। ऐसे में जाधव को फांसी की सजा से बचाना मुश्किल होगा।
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