Wednesday, 19 April 2017

बाबरी ढांचा गिराने वाले लोग महात्मा गांधी की हत्या करने वाले से भी बड़े अपराधी , सबको फाँसी पर लटकाओ जल्दी - अस्सुद्दीन ओवैसी


नई दिल्ली : अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराने के सुनवाई में देरी होने पर AIMIM के मुखिया असुद्दीन ओवैसी भड़क गये हैं उन्होंने बाबरी ढांचे का गिराया जाना महात्मा गाँधी की हत्या से भी ज्यादा बड़ा संगीन मामला बताते हुए दोषियों को फाँसी पर लटकाने की मांग की है, ओवैसी ने कहा 1992 में देश को शर्मसार करने वाली घटना के दोषी अपराधी आज सरकार चला रहे हैं ,इन्हें तुरंत फाँसी पर लटकाओ। ओवैसी ने आगे बोलते हुए कहा जब इस केस के अपराधी केंद्र में मंत्री हों और पद्म बिभूषण पा चुके हों तो इंसाफ में देरी होगी ही।

असुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा, ''गांधीजी की हत्या केस का ट्रायल 2 साल में पूरा हो गया और बाबरी केस का क्या हुआ? ये उससे भी ज्यादा गंभीर है, गांधी के हत्यारों को दोषी ठहराकर फांसी दी गई, इस केस में क्या होगा?"

ओवैसी ने आगे कहा " करीब 24-25 साल बीतने के बाद अब जाकर कोर्ट ने आपराधिक साजिश के आरोप तय किए हैं। मुझे उम्मीद है कि कोर्ट इसके जिम्मेदारों को सजा जरूर देगा। बाबरी ढांचा गिराना देश की शर्म की बात थी और इसे कराने वाले आज देश की सरकार चला रहे हैं। अब कोर्ट ने उन पर आरोप तय कर दिए हैं तो क्या सरकार उनसे पद्म अवॉर्ड वापस लेगी।"

बता दें कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत 13 लोगों पर आपराधिक साजिश के आरोप तय कर ट्रायल शुरू करने का ऑर्डर दिया। बाबरी केस देश के लिए शर्मनाक की बात 

कल्याण सिंह गवर्नर की पोस्ट छोड़ेंगे? 
ओवैसी ने आगे कहा, ''क्या अब कल्याण सिंह राजस्थान के गवर्नर का पद छोकर ट्रायल का सामना करेंगे या संवैधानिक पद की आड़ में छुपे रहेंगे। इंसाफ के लिए मोदी सरकार उन्हें हटाने का फैसला लेगी इस पर मुझे संदेह है।'' - ''मुझे लगता है कि कोर्ट ने बाबरी ढांचा गिराने के लिए कार सेवा की इजाजत नहीं दी थी। 28 नवंबर, 1992 को यूपी सरकार को सिम्बॉलिक कार सेवा की परमिशन दी गई, वो भी शांतिपूर्ण ढंग से। लेकिन 6 दिसंबर को 16वीं सदी की मस्जिद को कार सेवकों ने गिरा दिया। इसके लिए कोर्ट अवमानना के मामले की भी सुनवाई करे।''

सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
जस्टिस पीसी घोष और जस्टिस आरएफ नरीमन की बेंच ने बुधवार को कहा कि लालकृष्ण आडवाणी समेत बीजेपी के 13 नेताओं पर आपराधिक साजिश का केस चल सकता है, साथ ही सामान्य हालात में केस की सुनवाई को टाली न जाए। जब तक सुनवाई पूरी न हो तब तक जज का ट्रांसफर नहीं हो सकेगा। केस जिस जगह पर थे, उसी जगह से शुरू होंगे। बेंच ने सीबीआई को आदेश दिया कि वह इस बात को सुनिश्चित करे कि गवाह गवाही के लिए हर तारीख में हाजिर हों। इनके अलावा ट्रायल कोर्ट को आज की तारीख से चार हफ्तों के अंदर सुनवाई शुरू करनी चाहिए। कोर्ट ने राजस्थान के गवर्नर कल्याण सिंह को संवैधानिक पद पर रहने का लाभ दिया। उनके खिलाफ केस नहीं चलेगा। इस मामले के वक्त सिंह 1992 में यूपी के सीएम थे।।"
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