जहाँ एक ओर बेटा दूसरी पार्टी के साथ गठबंधन करके जीत का दम भर रहा है और उत्तर प्रदेश की जनता को खुश करें के लोक लुभावन वादे कर रहा है तो वही दूसरी तरफ खुद के पापा खुश नही हैं अब बात यहाँ पर आती है कि जो अपने खुद के पिता को खुश नहीं कर पाया वो प्रदेश कि जनता को कैसे खुश करेगा प्रदेश की जनता उससे खुश रहेगी ये उम्मीद कैसे की जा सकती है ,शायद यही वजह रही है कि मुलायम यादव को अखिलेश राहुल का गंगा जमुना का संगम पसंद नहीं आ रहा इसीलिए उन्होंने आज निर्दलीय उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है उन्होंने अपने समर्थको से लोकदल या निर्दलीय चुनाव लड़ने को कहा है ,और आपको बता दें मुलायम ने खासकर उन सीटों पर लड़ने का फैसला किया है जहाँ से कांग्रेस उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं .मुलायम यादव ने यहाँ तक कह दिया कि अखिलेश चाहे तो उन्हें पार्टी से निकाल भी सकते हैं.
अब इसे नाराजगी कहें या मुलायम सिंह का नरेन्द्र मोदी के खिलाफ डर क्योंकि जिस तरह से 2014 में लोकसभा चुनाव में मोदी जी यूपी से सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं उसको लेकर डर होना तो लाजमी है ,खैर वजह कोई भी अखिलेश परिवार का मामला अभी भी शांत होता नहीं दिख रह ,क्योंकि अखिलेश यादव ने जब चुनावी घोषणा पत्र जारी किया था तब भी मुलायम सिंह वहाँ मंच पर उपस्थित नहीं थे.
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