उत्तर प्रदेश : योगी आदित्यनाथ को यूपी का सीएम बनाये जाने से विरोधी पार्टियों के नेता कितने बौखलाए हुए हैं इस बात का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि आए दिन विपक्षी पार्टी के नेता योगी आदित्यनाथ के लिए बहुत ही शर्मनाक अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं ,योग महोत्सव के मौके पर योगी आदित्यनाथ ने नमाज और सूर्य नमस्कार को एक समान बताकर समाज को जोड़ने की कोशिस की मगर उनकी ये कोशिस विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेताओं को बिल्कुल रास नहीं आ रही और वो बौखला गए हैं और अपनी बौखलाहट में अपशब्दों का इस्तेमाल करने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं।
कल शाम एक न्यूज़ चैनल News18India पर "हम तो पूछेंगे" में बहस का मुद्दा था नमाज और सूर्य नमस्कार की समानता ,इस डीबेट में बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ,योग गुरु ,और कांग्रेसी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला शामिल थे . जब शहजाद पूनावाला से पुछा गया कि "क्या योगी आदित्यनाथ ने नमाज और सूर्य नमस्कार को समान बताकर समाज में भाईचारे को स्थापित करने की कोशिस की है?" तो इस सवाल का जवाब कांग्रेसी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने बहुत ही बेशर्म तरीके से दिया।
शहजाद पूनावाला ने कहा "योगी जैसा भोगी इंसान हमारी पवित्र नमाज की तुलना ऐरे गैरे सूर्यनमस्कार से न करे क्योंकि मुसलमान अल्लाह के सिवा किसी को नहीं मानता और नमाज में सिर्फ अल्लाह की इबादत की जाती है जबकि सूर्य नमस्कार में काफिरों के सूर्य की पूजा की जाती है" ,कांग्रेसी प्रवक्ता के इन बेशर्म बोल पर बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज़ हुसैन ने उनसे तुरंत माफ़ी मांगने को कहा।
आपको बता दें कि बुधवार को योग महोत्सव के मौके पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि नमाज सूर्यनमस्कार से ही मिलती जुलती है इसलिए योग को संप्रदायिक नजरिये से नहीं देखना चाहिए क्योंकि योग से किसी भी धर्म जाति का व्यक्ति अनेक फायदे ले सकता है।
शहजाद पूनावाला ने कहा "योगी जैसा भोगी इंसान हमारी पवित्र नमाज की तुलना ऐरे गैरे सूर्यनमस्कार से न करे क्योंकि मुसलमान अल्लाह के सिवा किसी को नहीं मानता और नमाज में सिर्फ अल्लाह की इबादत की जाती है जबकि सूर्य नमस्कार में काफिरों के सूर्य की पूजा की जाती है" ,कांग्रेसी प्रवक्ता के इन बेशर्म बोल पर बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज़ हुसैन ने उनसे तुरंत माफ़ी मांगने को कहा।
आपको बता दें कि बुधवार को योग महोत्सव के मौके पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि नमाज सूर्यनमस्कार से ही मिलती जुलती है इसलिए योग को संप्रदायिक नजरिये से नहीं देखना चाहिए क्योंकि योग से किसी भी धर्म जाति का व्यक्ति अनेक फायदे ले सकता है।
अबे सुअर सुन तेरी मौलाना पार्टी जो है ना हलाला वाली तू उसी की पैदाइश है
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