Thursday, 23 March 2017

लखनऊ : बूचड़खाने बंद होने से 105 साल में पहली बार लखनऊ की फेमस टुंडे कबाबी दुकान रही बंद ,कबाब बनाने में इस्तेमाल किया जाता था गाय और भैंसों का मांस


उत्तर प्रदेश: योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही बूचड़खानों पर कार्यवाही शुरू करदी और नतीजतन अभी तक 300 से ज्यादा अवैध बूचड़खाने बंद किये जा चुके हैं ,अवैध बूचड़खाने बंद होने से गाय और भैंसों के मांस में बड़ी मात्रा में कमी आगयी है और यही वजह रही है कि लखनऊ की कबाब बनाने वाली लोगों द्वारा कथित दुनिया की फेमस दुकान टुंडे कबाबी कल बंद रही , 105 साल में पहली बार ऐसा मौका आया है कि यहाँ गाय और भैंसों के मांस से बनने वाले कबाब के मांस की कमी पड़ गयी और मजबूरन दुकान बंद करनी पड़ी
टुंडे कबाबी दुकान के मैनेजर अबू बकर ने बताया कि रोज इस दुकान में कबाब बनाने के लिए करीब 25 से 30 किलो गाय और भैंसों का मांस अवैध बूचड़खानों से आता था ,मगर बूचड़खाने बंद होने से मांस की कमी हो गयी और यहाँ आने वाले मांस की भी आपूर्ति खत्म हो गयी जिस वजह से हमने दुकान बंद करने का फैसला किया। 

अब इस टुंडे कबाबी दुकान पर नए स्टीकर चिपका दिए गए हैं जिन पर लिखा है "मटन और चिकन कबाब"

आपको बता दें कि अगर कर्फ्यू और भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदाओं को छोड़ दें तो ये पहली बार ऐसा मौका था कि 105 साल में ये दुकान बंद हुयी थी

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