Wednesday 19 April 2017

हिन्दू धर्म ग्रंथों में कहीं नहीं लिखा है कि गोमांस खाना अपराध है , हिन्दुओं समेत 80% लोग गोमांस खाते हैं


नई दिल्ली : एनसीपी नेता डीपी त्रिपाठी ने गौ-माँस खाने को लेकर हिन्दु धर्म ग्रंथों और स्वामी विवेकानंद का अपमान करते हुए बहुत ही आपत्तिजनक बयान दिया है ,उन्होंने हिन्दू ग्रंथों का मखौल उड़ाते हुए कहा कि जब हिन्दू धर्म ग्रंथों में ही लिखा है कि गौ-मांस खाना जरुरी है तो फिर ये अपराध कैसे हो गया, एनसीपी नेता ने ये बयान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान के बाद दिया है जिसमे आरएसएस प्रमुख ने गौ हत्या पर अखिल भारतीय प्रतिबंध लगाने की मांग की थी 

राकांपा महासचिव डीपी त्रिपाठी ने गौ-रक्षा को हिन्दू विरोधी गतिविधि करार देते हुए कहा "पीएम मोदी जिस विवेकानंद के प्रशंसक हैं वही स्वामी विवेकानंद न सिर्फ गौ-मॉस खाते थे बल्कि माँसाहारी भोजन पकाते भी थे"

उन्होंने आगे कहा, "क्या इन गौ-रक्षक गुंडों में इतनी हिम्मत है कि वो स्वामी विवेकानंद जैसे प्रसिद्द लोगों को जेल के अंदर डाल सके?"

एनसीपी नेता ने आगे बोलते हुए कहा, "हिन्दू धर्म ग्रंथो वेदों और पुराणों में कहीं नहीं लिखा है कि गोमांस खाना अपराध है, मैं भागवत या उनके किसी भी प्रतिनिधि को सभी हिंदू ग्रंथों के आधार पर बहस करने की चुनौती देता हूँ

उन्होंने आगे कहा "हिन्दुओं को मिलाकर 80 प्रतिशत लोग गोमांस को बड़े चाव से खाते हैं ,ऐसे में गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने का भागवत का विचार संविधान की भावना के खिलाफ है।"
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